IIT से इंजीनियरिंग के बाद शुरू की थी तैयारी, पहले प्रयास में ही UPSC में मार ली थी बाजी; पढ़ें-IAS अनुनय झा की कहानी

AS-IPS लाखों अभ्यर्थियों का सपना होता है। हर साल UPSC की परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी शामिल होते हैं, लेकिन कामयाबी चुनिंदा अभ्यर्थियों को ही मिल पाती है। पिछले कुछ सालों से इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट बैकग्राउंड से आने वाले अभ्यर्थियों का रुझान भी सिविल सेवा की तरफ बढ़ा है। बीते कुछ सालों के यूपीएससी के नतीजों पर नजर डालें तो इन बैकग्राउंड से आने वाले सफल अभ्यर्थियों की संख्या ठीक-ठाक है। आज हम आपको एक ऐसे ही तेज-तर्रार IAS से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने IIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर यूपीएससी में सफल रहे।
पहले प्रयास में ही बने थे IRS: हम बात कर रहे हैं साल 2015 बैच के IAS अनुनय झा की। मूल रूप से झारखंड के देवघर के रहने वाले अनुनय के पिता नित्यानंद मिश्रा IRS अधिकारी रहे हैं। सेवानिवृत्ति से पहले वह मुंबई के इनटैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर के पद पर भी तैनात थे। वहीं, अनुनय की मां अल्का झा वर्तमान में भारतीय डाक में बोर्ड की सदस्य हैं।
वे कहते हैं कि ‘मेरी स्कूलिंग दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित संस्कृति स्कूल से हुई है। यहां से 12वीं करने के बाद मैंने 2012 में IIT रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कुछ समय तक विश्व बैंक के एक प्रोजेक्ट पर काम किया था। हालांकि मेरी बचपन से ही दिलचस्पी लोगों की सेवा-समाज की भलाई करने की थी। यही वजह थी कि मैंने UPSC की तैयारी शुरू की। साल 2013 में पहली बार परीक्षा दी और मेरी 145वीं रैंक आई थी, इसके बाद मुझे IRS मिला था।’
अनुनय झा आगे बताते हैं, ‘मैंने विश्व बैंक के लिए काम करते हुए महसूस किया था कि भारत में IAS अधिकारी के पास सबसे ज्यादा पावर होती है। हर योजना को जमीन पर उतारने का काम भी आईएएस का ही होता है। यही वजह थी कि मैं IAS अधिकारी बनना चाहता था। IRS बनने के बाद भी मैंने UPSC की तैयारी नहीं छोड़ी और साल 2014 में एक बार फिर एग्जाम दिया। इस बार मेरी 57वीं रैंक आई और मेरा चयन IAS में हो गया। उत्तर प्रदेश कैडर मिला।’
मथुरा से शुरू हुआ था सफर, अभी यहीं दे रहे हैं सेवा: अनुनय की पहली पोस्टिंग मथुरा में हुई थी। उन्होंने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान असिस्टेंट RO के रूप में सेवाएं दी थीं। इसके बाद साल 2017 में उन्हें झांसी का SDM बनाया गया था और वे झांसी विकास प्राधिकरण में विशेष कार्य अधिकारी भी रहे। इसके बाद साल 2019 में वे अलीगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी बने। साल 2021 में उन्हें मथुरा-वृंदावन नगर निगम में नगर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई और वर्तमान में वह इसी पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
नाना थे DGP, उन्हीं से मिली प्रेरणा: अनुनय बताते हैं कि, ‘मुझे IAS बनने के लिए सबसे ज्यादा प्रेरित मेरे नाना स्वर्गीय बलबीर झा ने किया था। वह 1962 बैच के IPS अधिकारी थे और 1994-97 तक बिहार के डीजीपी भी रहे थे। वे अक्सर मुझे प्रेरित करते थे, समाज की किस तरह भलाई की जा सके, इस पर बात करते थे। उनका सपना पूरा करने के लिए भी मैं IAS अधिकारी बनना चाहता था।
इंटरव्यू में कैसे सवाल पूछे गए थे?
अनुनय ने बताया कि UPSC के इंटरव्यू में उनसे नेपाल भूकंप के बारे में एक सवाल पूछा गया था। यह सवाल था- नेपाल में भूकंप आया है तो भारत को क्या नेपाल की सहायता करनी चाहिए? मेरा जवाब था- बिल्कुल करनी चाहिए। हम तो वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत पर चलते हैं।
इसके बाद बोर्ड के अध्यक्ष ने अगला सवाल किया था, ‘भारत भी तो गरीब देश है। पहले हमें अपने लोगों की मदद करनी चाहिए। किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो हम उस पर क्यों ज्यादा ध्यान नहीं देते?’ अनुनय ने इसका जवाब दिया था, ‘भारत ने शुरुआत से ही जगत गुरु की भूमिका निभाई है। हमने खुद को लीडर के तौर पर देखा है। अगर हमारे अंदर क्षमता है तो हमें बिल्कुल मदद करनी चाहिए।’
अनुनय कहते हैं कि, ‘जवाब देने के बाद मुझे एक बार तो लगा कि शायद मैंने गलत जवाब दे दिया है। लेकिन बाद में नतीजे आए तो मन को तसल्ली मिली कि मेरा जवाब ठीक था।’