आप भी कर रहे हैं चारधाम यात्रा पर जाने का प्लान? जरूर पढ़ लें ये खास जानकारी

आप भी कर रहे हैं चारधाम यात्रा पर जाने का प्लान? जरूर पढ़ लें ये खास जानकारी

गुरुवार सुबह शिव भक्तों के लिए नैनीताल हाईकोर्ट से एक अच्छी खबर आई है. दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया है. इसके साथ ही अब यात्रियों और शिव भक्तों ने चारधाम यात्रा की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. इस यात्रा का संचालन कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही करवाया जाएगा. ऐसे में अगर आप भी चारधाम यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो ये खास बातें जरूर जान लीजिए.

यात्रियों को रखना होगा खास ख्याल
कोरोना के चलते हर दिन यात्रियों की संख्या को सीमित रखा गया है. साथ ही चारधाम आने वाले यात्रियों को कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट या फिर कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं होने पर उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलेगी. साथ ही मौके पर भी यात्रियों की कोरोना जांच करवाने का प्रावधान किया गया है.

टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा 

हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य में यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों को बड़ी राहत मिली है. इससे तीर्थ पुरोहितों और उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों को भी राहत की उम्मीद है जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से यात्रा से जुड़े हैं. उत्तराखंड राज्य का अधिकतर व्यवसाय टूरिज्म सेक्टर पर ही आश्रित है. चारधाम यात्रा पर रोक लगने से हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा होने लगा था. यात्रा खुलने से इनकी आजीविका पटरी पर लौटेगी. लोग सरकार से लगातार यात्रा खोलने को कह रहे थे.

क्या होंगे नए नियम?

अब केदारनाथ में 800, बद्रीनाथ में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को ही हर दिन दर्शन की अनुमति होगी.

अब यात्री किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.

यात्रियों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट या फिर कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज के सर्टिफिकेट दिखाने होंगे.
यात्रियों को फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना नियमों का पालन करना होगा

राज्य सरकार ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

गौरलतब है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 26 जून को कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी. लेकिन फिर कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार ने विशेष अनुमति याचिका (SLP) वापस ले ली गई थी. जिसके बाद गुरुवार को हाईकोर्ट में यात्रा को लेकर निर्णय लिया गया है.

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